बेटा हो या बेटी दोनों हीं भगवान के वरदान हैं, न तो कोई किसी से कम है न कोई किसी से ज्यादा. संस्कार और माहौल इस बात का निर्धारण करते हैं कि ...
बेटा हो या बेटी दोनों हीं भगवान के वरदान हैं, न तो कोई किसी से कम है न कोई किसी से ज्यादा. संस्कार और माहौल इस बात का निर्धारण करते हैं कि आपका बेटा या आपकी बेटी कैसी होगी. आइए जानते हैं कि पीरियड के बाद किस दिन गर्भ ठहरने से आपको पुत्र की प्राप्ति होगी, तो किस दिन गर्भ ठहरने से पुत्री की प्राप्ति होगी. किस रात को गर्भ ठहरने से किस तरह का सन्तान जन्म लेगा.
Period शुरू होने वाले दिन से चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को गर्भ ठहरने से पुत्र प्राप्त होता है. जबकि Period शुरू होने वाले दिन से 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को गर्भ ठहरने से पुत्री प्राप्त होती है.
1.चौथी रात को गर्भ ठहरने से होने वाला बेटा, कम आयु वाला और गरीब होता है.
2.5वीं रात को गर्भ ठहरने से होने वाली बेटी, भविष्य में सिर्फ लड़कियाँ हीं पैदा करती है.
3.छठी रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाला बेटा, मध्यम आयु वाला होता है.
4.7वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाली बेटी, बांझ होती है.
5.8वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाला बेटा, ऐश्वर्यशाली होता है.
6.9वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाली बेटी, ऐश्वर्यशालिनी होती है.
7.10वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाला बेटा, चतुर होता है.
8.11वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाली बेटी, चरित्रहीन होती है.
9.12वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाला बेटा, पुरुषोत्तम होता है.
10.13वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाली बेटी, वर्णसंकर होती है.
11.14वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाला बेटा, उत्तम होता है.
12.15वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाली बेटी, सौभाग्यवती होती है.
13.16वीं रात को गर्भ ठहरने से जन्म लेने वाला बेटा, सर्वगुण संपन्न होता है.
सावधानियाँ :
1. Period की सही गिनती करें:
Period शुरू होने वाले दिन को पहला दिन गिनना चाहिए.
अगर आपका Period 10 April को रात 9 बजे शुरू हुआ है तो 11 April को रात 9 बजे आपके Period का एक दिन पूरा होगा. ध्यान रखें आप 11 April को दूसरा दिन न गिनें. Period शुरू होने के 24 घंटे के बाद हीं दूसरा दिन गिनें.पुत्र प्राप्ति के लिए Period शुरू होने वाले दिन से गिन कर चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को सम्भोग करना चाहिए. जबकि पुत्री प्राप्ति के लिए 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को सम्भोग करना चाहिए.अगर आपको बेटा चाहिए तो जबतक गर्भ ठहर नहीं जाता है, तबतक 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को Sex नहीं करें. उसी तरह अगर आपको बेटी चाहिए तो चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को गर्भधारण होने से पहले Sex न करेंआपकी गिनती में 1 भी घंटे की गलती नहीं होनी चाहिए. गलत गिनती इच्छित परिणाम नहीं प्राप्त होने देगी.जिस रात को आपने गर्भधारण के लिए चुना है, उसी रात को गर्भ ठहरे इस बात को सुनिश्चित करने के कुछ उपाय :
1. ध्यान रखें कि जिस रात को आपने गर्भ ठहरने के लिए चुना है. उस रात को गर्भ ठहरना चाहिए, न कि सिर्फ सम्भोग होना चाहिए. उसी रात को गर्भ ठहरे यह सुनिश्चित करने के लिए आपको उस रात को 2-3 बार सम्भोग करना चाहिए. आप जितनी ज्यादा बार सम्भोग करेंगे, गर्भ ठहरने की सम्भावना उतनी ज्यादा बनेगी.
2. गर्भ ठहरना सुनिश्चित करने के लिए, सेक्स करने के बाद लिंग को योनी से तबतक बाहर नहीं निकालिए जबतक वह खुद न बाहर आ जाए. और योनी को भी Sex के बाद तुरंत साफ न करें, अगले दिन नहाते समय हीं योनी साफ करें.
3. जिस रात को आपने गर्भधारण के लिए चुना है, उससे 2-4 दिन पहले से आप न तो सेक्स करें और न हस्तमैथुन. इससे शुक्राणुओं की प्रबलता बढ़ जाएगी.
4. उस दिन तनावमुक्त रहें और उस दिन मानसिक या शारीरिक थकावट न हो इस बार का ध्यान रखें. सम्भव हो तो उस दिन घर-बाहर सारे कामों से छुट्टी ले लें.
5. स्त्री के चरमोत्कर्ष पर पहुँचने के बाद वीर्य के स्खलित होने से गर्भधारण की सम्भावना बढ़ जाती है. अतः स्त्री के साथ Sex करने से पहले उसे पूरी तरह उत्तेजित कर लें.Note : इस लेख में यथासम्भव सही जानकारी दी गई है, लेकिन सन्तान प्राप्ति भगवान के हाथ में है….. यह बात याद रखें. और सन्तान की प्रवृति को निर्धारित करने वाले और भी ढेर सारे कारक हैं. अतः एक अच्छे सन्तान के प्राप्ति के लिए भगवान की भी आपके ऊपर कृपा होनी जरूरी है. और इनके अलावा यह भी जरूरी है कि गर्भवती स्त्री गर्भावस्था के दौरान पवित्र माहौल में रहे, अच्छी बातें देखे-सुने. और बच्चे के जन्म के बाद भी उसे अच्छा माहौल मिले. हमारे टिप्स को आजमाने के बाद अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करना न भूलें.